इजरायली संसद ने गठबंधन को लेकर बुरी तरह उलझ चुकी गुत्थी को सुलझाने के बजाए नए चुनाव कराने की दिशा में आगे बढ़ने का फैसला किया है। इजरायली संसद ने सोमवार को इस दिशा में पहला कदम उठाया। अप्रैल में हुए चुनाव के बाद से गठबंधन को लेकर ऊहापोह की स्थिति बनी हुई थी। लिहाजा नए चुनाव कराने के लिए संसद को भंग करने संबंधी कानून को शुरुआती मंजूरी दे दी है। इस कानून पर मंजूरी की आखिरी मुहर लगाने के लिए अब महज तीन और वोटों की ज़रुरत है। इसके बाद नए चुनाव कराने का रास्ता साफ हो जाएगा। इजरायली संसद की वेबसाइट के अनुसार वोट का अनुपात 65-43 रहा, जबकि 6 सदस्य अनुपस्थित रहें। गठबंधन से जुड़ी गुत्थी को सुलझाने की समयसीमा बुधवार को समाप्त हो गई। लेकिन इजरायल के प्रधानमंत्री बेनजामिन नेतन्याहू अपने मिशन में सफल नहीं हो पाए। इजरायल के पूर्व रक्षा मंत्री एविगडोर लिबरमैन अपनी एक अहम मांग को लेकर जिद पर अड़े रहे। इस गठबंधन को लेकर जारी दुविधा दूर नहीं हो सकी। सोमवार को करीबी सहयोगी अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का समर्थन मिलने के बाद भी गठबंधन को लेकर जारी घमासान को नेतन्याहू के लिए एक बड़े झटके के तौर पर देखा जा रहा है।
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